जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट shiv chalisa in hindi भारी॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।